कोरबा। प्रदेश भर में एक जून से शुरू हुई ‘चाठर तिहार’ योजना को 6 दिन बीतने के बाद भी कोरबा जिले में अब तक प्रारंभ नहीं किया जा सका है। योजना के तहत जून, जुलाई और अगस्त माह का एकमुश्त चावल वितरण किया जाना था, लेकिन तकनीकी खामियों के चलते वितरण प्रक्रिया पूरी तरह ठप हो गई है।
जिले के अधिकांश शासकीय उचित मूल्य दुकानों में ताले लटके रहे, जबकि कुछ दुकानों पर ओटीपी के माध्यम से वितरण की कोशिश की गई, लेकिन वह भी सफल नहीं हो सका। इसका मुख्य कारण ई-पॉस मशीनों की वैधता 31 मई को समाप्त हो जाना बताया जा रहा है। नई मशीनें अब तक हैदराबाद से जिले में नहीं पहुंच सकी हैं, जिसके कारण वितरण कार्य अटका हुआ है।
इस संबंध में मंगलवार को कोरबा शासकीय उचित मूल्य दुकान संचालक विक्रेता कल्याण संघ के प्रतिनिधिमंडल ने खाद्य अधिकारी को तकनीकी खामियों से अवगत कराया था। इसके बाद विभाग ने समस्या के समाधान तक दुकानें बंद रखने के निर्देश दिए।
कलेक्टर से मुलाकात कर सौंपा गया ज्ञापन कोरबा पीडीएस संघ के अध्यक्ष श्री विनोद मोदी, राजू खान, सुभाष गुप्ता, राधेश्याम चौरसिया समेत अन्य पदाधिकारियों ने कलेक्टर महोदय से मुलाकात कर वितरण संबंधी समस्याओं को लेकर ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में मांग की गई कि जब तक नई ई-पॉस मशीनें नहीं आती, तब तक पुराने मशीनों से ही वितरण की अनुमति दी जाए। साथ ही, वेइंग मशीन की कनेक्टिविटी हटाकर वितरण प्रक्रिया को सरल और तेज बनाने की मांग की गई। इसके अलावा भंडारण से जुड़ी समस्याओं को भी कलेक्टर के समक्ष रखा गया।
कलेक्टर महोदय ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि कोरबा जिले में भी वितरण उसी प्रकार से किया जाएगा, जैसा अन्य जिलों में किया जा रहा है। आपकी मांगों को प्रदेश स्तर तक पहुंचाया जाएगा।
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