जोधपुर में ‘जीजी’ के नाम से मशहूर पूर्व विधायक सूर्यकांता व्यास का बुधवार सुबह निधन हो गया। 87 साल की BJP की सीनियर नेता व्यास लंबे समय से बीमार चल रही थीं। उनके बेटे शिवकुमार व्यास ने बताया- आज सुबह 7 बजे तबीयत बिगड़ने पर उन्हें महात्मा गांधी (MGH) हॉस्पिटल ले जाया गया था। इलाज के दौरान करीब सवा सात बजे उन्होंने दम तोड़ दिया। शाम को सिवांची गेट स्थित शमशान में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।


सूर्यकांता व्यास (जीजी) ने वर्ष 1990 में जोधपुर (पुराना शहर) निर्वाचन क्षेत्र से पहली बार चुनाव लड़ा था। पार्षद से राजनीतिक शुरुआत करने वाली जीजी ने 1990, 1993 और 2003 के विधानसभा चुनाव में बड़े अंतर से जीत हासिल की थी। जीजी जोधपुर (पुराना शहर) विधानसभा क्षेत्र से 1998 में चुनाव हार गई थीं। उनके सामने कांग्रेस के जुगल काबरा थे।
2008 और 2018 में में सूरसागर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और विजयी हुई थीं। 2023 नवंबर में हुए विधानसभा चुनाव का टिकट जीजी को भाजपा ने नहीं दिया था। उनकी जगह देवेंद्र जोशी को भाजपा ने उम्मीदवार बनाया था। सूर्यकांता व्यास के पति उमा शंकर व्यास सप्लाई इंस्पेक्टर थे। पिता फतेहराज कल्ला पुलिस इंस्पेक्टर थे। जीजी 2012 में विधानसभा में सर्वश्रेष्ठ विधायक के रूप में चुनी गई थीं।

सुबह जोधपुर के जालोरी गेट स्थित सूर्यकांता व्यास के घर में बेटे शिव कुमार व्यास और बहू लक्ष्मी थे। शिव कुमार ने बताया- सुबह मां (सूर्यकांता व्यास) ने बोला- तबीयत ठीक नहीं लग रही। ब्लड प्रेशर चेक करने को कहा। इसके बाद शुगर भी चेक किया, बहुत लो आई थी। धीरे-धीरे उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। 500 मीटर की दूरी पर स्थित MGH हॉस्पिटल ले गया। ड्यूटी डॉक्टर ने चेक किया और मृत घोषित कर दिया।
पोते विशाल जामनगर (गुजरात) और योगेश बाड़मेर रहते हैं। उनके आने का इंतजार किया जा रहा है। उधर, सूर्यकांता व्यास की बेटियां सुधा, सरोज और सरला भी उनके आवास पर पहुंच गई हैं। पूर्व विधायक की पार्थिव देह देखकर बेटियां रोने लगीं।


जीजी 1972 में पहली बार नगर परिषद सदस्य बनी थीं। इसके बाद जीजी भाजपा जिलाध्यक्ष, महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष, महिला मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष बनीं।
टिकट कटने के बाद सूर्यकांता व्यास ने कहा था- यह पार्टी का निर्णय है और वह देवेंद्र जोशी (भाजपा प्रत्याशी रहे) के साथ कंधा से कंधा मिलाकर चुनाव में प्रचार में उतरेंगी और पार्टी के लिए सीट जिताएंगी।
इस बयान के बाद सीनियर भाजपा नेता सूर्यकांता व्यास ने यह भी कहा था- पार्टी चाहे तो उन्हें शहर में किसी भी विधानसभा से उतार सकती है। वे पार्टी के लिए जीत दर्ज करेंगी। सूर्यकांता व्यास ने शहर विधानसभा से चुनाव लड़ने की इच्छा जताते हुए पार्टी से टिकट मांगा था।

जोधपुर शहर विधायक अतुल भंसाली भी उनके आवास पर पहुंचे। उन्होंने कहा- यह भाजपा और पूरे जोधपुर शहर के लिए अपूरणीय क्षति है। सुबह मुझसे किसी ने पूछा था- उन्हें जीजी क्यों कहते हैं। जीजी ने महिलाओं के उत्थान के लिए काम किया था। उन्होंने महिलाओं की संघ में स्थिति मजबूत की। संघ के कार्यकर्ता उन्हें बहन कहकर बुलाते थे। इसी के बाद धीरे-धीरे उन्हें ‘जीजी’ बुलाने लगे।
पिछले साल सितंबर में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जोधपुर शहर के चांदपोल क्षेत्र में पुष्करणा समाज की कुलदेवी उष्ट्र वाहिनी देवी मंदिर का जीर्णोद्धार करने के लिए 4.75 करोड रुपए की स्वीकृति दी थी। इस पर जीजी ने उनकी तुलना राजा-महाराजों से की थी। कहा था- मुख्यमंत्री (तब) अशोक गहलोत ने पुष्करणा समाज के लिए ऐसा काम किया है, जो पहले के जमाने में राजा-महाराजा किया करते थे। 4 करोड़ 75 लाख रुपए का बजट दिया है। कुलदेवी की यह मूर्ति काफी ऐतिहासिक है। जिसको देखने के लिए टूरिस्ट आते हैं। कई बार टूरिस्ट कहते भी हैं कि जगह छोटी है, परेशानी होती है। आज वह सपना सीएम गहलोत ने साकार किया है।
1970 के दशक में महिलाओं के घर से निकलने पर पाबंदियां थीं। ऐसे समय में जीजी ने संघर्ष किया। उन्होंने महिलाओं की शिक्षा को लेकर बात की। 1965 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर, गुरुजी जोधपुर प्रवास पर थे। इस दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेविका व जनसंघ की सदस्य जीजी पानी की समस्याओं के विरोध के लिए अपने साथ केवल 5 महिलाओं को लेकर निकलीं।
जीजी ने उस समय कलेक्ट्रेट के बाहर पांच महिलाओं के साथ मटकी फोड़कर धरना-प्रदर्शन किया। शाम को जब वे गुरुजी से मिलने गईं व घटना बताईं, तो गुरुजी को आश्चर्य हुआ। वे प्रसन्न हुए कि महिलाओं में समस्याओं के खिलाफ आवाज उठाने की हिम्मत आ गई। इस घटना के बाद जीजी का राजनीतिक सफर शुरू हुआ।







Chief Editor
Mob. : 8319866244